Thursday, January 4, 2018

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✡ भारत- ब्रिटेन परिवहन समझौते को मंजूरी*

• सरकार ने भारत व लंदन के परिवहन प्राधिकारों के बीच सहमति पत्रों एमओयू को बुधवार को मंजूरी दे दी ताकि देश में सार्वजनिक परिवहन में सुधार लाया जा सके।
• इस सहमति पत्र का उद्देश्य भारत में समूच
सार्वजनिक परिवहन पण्राली में सुधार, यात्री सेवाओं में सुधार तथा उच्च क्षमता वाली बसों के संचालन को प्रोत्साहित करना है।
• आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके तहत सड़क परिवहन मंत्रालय तथा ट्रांसपोर्ट फोर लंदन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर तथा उसका कार्यान्वयन किया जाना है।
• सड़क परिवहन मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इससे भारत व ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
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🌀7. युआन में कारोबार करेगा पाक*

• पाकिस्तानी सेंट्रल बैंक ने चीन के साथ द्विपक्षीय कारोबार में चीनी मुद्रा युआन में लेन-देन की अनुमति दे दी है। पहले अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी मुद्रा डॉलर का इस्तेमाल होता था। यह पाकिस्तान में अमेरिकी प्रभाव कम होने और चीनी प्रभाव बढ़ने का संकेत है।
• चीन पिछले काफी समय से चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर (सीपीइसी) परियोजना और उससे जुड़े कारोबार में अपनी मुद्रा युआन के इस्तेमाल के लिए दबाव डाल रहा था। इससे चीनी मुद्रा का देश के बाहर प्रभाव बढ़ता और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रतिष्ठित होती।
•  उसी दबाव का नतीजा हुआ कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बयान जारी करके चीनी मुद्रा में लेन-देन शुरू करने का एलान कर दिया। पाकिस्तान के योजना और विकास मंत्री अहसन इकबाल ने बताया कि 19 दिसंबर को सरकार ने चीन के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद द्विपक्षीय कारोबार में युआन का इस्तेमाल शुरू करने का फैसला किया।
• चीन ने पाकिस्तान के बंदरगाह वाले शहर ग्वादर में युआन को खुले बाजार में इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी। इससे बाजार में पाकिस्तानी मुद्रा की तरह ही युआन का इस्तेमाल भी किया जाता। लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी।
• चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर से होकर चीन का माल ग्वादर पहुंचता है जहां से वह जहाज के जरिये पश्चिम एशियाई देशों और यूरोप जाता है। जानकारों के अनुसार, युआन के इस्तेमाल से पाकिस्तान और चीन के बीच के व्यापार असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी। वर्ष 2017 में पाकिस्तान ने चीन को 1.62 अरब डॉलर मूल्य के माल का निर्यात किया। जबकि उसने चीन से 10.57 अरब डॉलर मूल्य के माल का आयात किया। भुगतान डॉलर में होने की वजह से पाकिस्तान का मुद्रा भंडार भी इस व्यापार अंतर से प्रभावित हो रहा था। दोनों देशों के मधुर संबंधों के बावजूद अभी तक दोनों के बीच मुक्त व्यापार संधि नहीं हुई है। अगर वह हो जाती है तो पाकिस्तान को अपना माल बेचने की ज्यादा सुविधा होगी।

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